Publish Date:Wed, 21 Nov 2018 10:35 PM (IST)

डॉक्टरों के मुताबिक, दिल के बाएं हिस्से की एट्रियम (जिससे फेफड़ों से साफ खून पहुंचकर इस जगह पर इकट्ठा होता है) गुब्बारे की तरह फूल गई थी। इस फुलाव के कारण एट्रियम के ऊपर मौजूद सांस की धमनियों को भी नुकसान पहुंच रहा था, जिससे बच्चे को सांस लेने में भी दिक्कतें हो रही थीं।
आमतौर पर 14 महीने के बच्चे का वजन 12 किलो होना चाहिए, लेकिन जब इसका वजन 6.5 किलो था। बच्चे के विकास पर भी असर पड़ रहा था।
चार डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
लेफ्ट एट्रियम में खून की मात्रा आमतौर पर 12 से 20 मिलीलीटर होनी चाहिए, जबकि बच्चे में यह 87 मिलीलीटर तक थी। इस ऑपरेशन को चार डॉक्टरों की टीम ने पांच घंटे में सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अस्पताल में पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. राजा जोशी, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. मृदुल अग्रवाल और एनेस्थीशिया की डॉक्टर रीना खंतवाल ने ऑपरेशन को पूरा किया।
Publish Date:Wed, 21 Nov 2018 10:35 PM (IST)

नई दिल्ली, जेएनएन। यह किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लेकिन यह हुआ है। पाकिस्तान के 14 माह के बच्चे के असामान्य हृदय रोग का जटिल ऑपरेशन सर गंगा राम अस्पताल में सफलतापूर्वक किया गया है। बीमारी की असामान्य प्रकृति के कारण बच्चे के माता-पिता उसे भारत लेकर आए थे। इस बच्चे का दिल असामान्य रूप से बढ़ा हुआ था।
डॉक्टरों के मुताबिक, दिल के बाएं हिस्से की एट्रियम (जिससे फेफड़ों से साफ खून पहुंचकर इस जगह पर इकट्ठा होता है) गुब्बारे की तरह फूल गई थी। इस फुलाव के कारण एट्रियम के ऊपर मौजूद सांस की धमनियों को भी नुकसान पहुंच रहा था, जिससे बच्चे को सांस लेने में भी दिक्कतें हो रही थीं।
आमतौर पर 14 महीने के बच्चे का वजन 12 किलो होना चाहिए, लेकिन जब इसका वजन 6.5 किलो था। बच्चे के विकास पर भी असर पड़ रहा था।
चार डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
लेफ्ट एट्रियम में खून की मात्रा आमतौर पर 12 से 20 मिलीलीटर होनी चाहिए, जबकि बच्चे में यह 87 मिलीलीटर तक थी। इस ऑपरेशन को चार डॉक्टरों की टीम ने पांच घंटे में सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अस्पताल में पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. राजा जोशी, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नीरज अग्रवाल और डॉ. मृदुल अग्रवाल और एनेस्थीशिया की डॉक्टर रीना खंतवाल ने ऑपरेशन को पूरा किया।
इस ऑपरेशन से जुड़ा अनोखा अध्ययन केस दी एनल्स ऑफ थोरेसिक सर्जरी नाम के अमेरिका के हृदय सर्जरी से जुड़े मशहूर जर्नल में प्रकाशित किया गया है। पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. राजा जोशी के मुताबिक इस बच्चे का वॉल्व वह जन्म से खराब था। इससे खून के संचालन में भी कमी आ रही थी। ऑपरेशन से पहले यह बच्चा पाकिस्तान में हर 20 दिनों में किसी ना किसी बीमारी की वजह से भर्ती हुआ करता था। अब बच्चा बिल्कुल स्वस्थ्य है।
डॉ. जोशी के मुताबिक इसके अलावा बच्चे के दिल में बड़ा छेद था। बाएं तरफ का वाल्व भी लीक हो रहा था। यह एक जटिल सर्जरी थी क्योंकि दो साल से कम उम्र के बच्चों में ऐसा मामला बहुत ही कम देखने को मिलता है।
- Get link
- X
- Other Apps
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Post a Comment