Guru Amar Das was the third of the ten Gurus of Sikhism. He was initiated into Sikhism quite late in life and had spent the major portion of his life as a staunch Hindu. His parents were both God-fearing pious Hindus and he followed in their footsteps to grow into a religious Hindu himself. Spiritually inclined from a young age, Amar Das was known for his gentle nature and peaceful demeanor. He was already an elderly person in his sixties when he heard the daughter of Guru Angad Dev sing hymns of Guru Nanak Dev. The hymns touched his soul and he immediately went to meet Guru Angad. Even though the guru was much younger than he was, Amar Das decided to become his disciple and served the guru with utmost dedication inspite of his advanced age. The guru was very impressed with the simplicity, hard work, and wisdom of his disciple and named him his successor. As the leader of Sikhs, Guru Amar Das composed several hymns, worked for the betterment of women, and strengthened the Langar sys
World Environment Day 2021: Theme, ecosystem restoration, pics, and more(With Hindi Notes ):ये मेरा देश है , मेरा हवा पानी मिट्टी हैं मैं भी इसमें ही हूँ इसमें ही विलीन होना है
दोस्तो! पौधे अपनी खाद खुद ही बन जाते हैं फूल खिलता उमगता है बिखरता है माटी में विलीन हो जाता है। सितारे भी ऐसा ही करते हैं अंतरिक्ष में फैले धूल और गैस के जिस बादल से सितारों का जन्म होता है अपनी जीवन अवधि भुगता कर सितारे उसी में मिल जाते हैं। प्रकृति का चक्र यूं ही चलता रहता है। पशु प्राणी वनस्पतियां नदी पहाड़ झरने ताल तलैया आपस में संघर्षण करते हैं बने रहते हैं एक दूजे के लिए तब तक जब तक कोई बाहरी खलल न हो आदमी का दखल न हो। सभ्यता और विकास के नाम पर तरक्की के नाम पर हम इन कुदरती पारितंत्रों ,पारिस्थितिकी तंत्रों को तोड़ते रहे हैं पशुं पक्षियों वन्य प्राणियों के प्राकृत आवासों घरोंदों को रोंदते रहें हैं नतीजा है हर सौ साल में एक ग्लोबल महामारी की दस्तक। हमारी बेबसी और लॉक डाउन। हाँ इस स्थिति से बचा जा सकता है एक छोटा सा कदम हमारे बाल विज्ञानियों ने विलासपुर (छत्त्तीस गढ़ )की एक लेब 'अटल टिंकरिंग लेब ' में उठाया -शव अवशेषों से इस महामारी के दौरान फिटकरी के जल से शव राख के धावन शोधन से शानदार जैविक खाद तैयार की है जो तमाम तरह के पोषक तत्वों यथा फास्फोरस ,कैल्शियम ,सल्फ़ेटों